हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बदमाशों ने उनके कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून में भी निरूद्ध रहे कमलेश तिवारी अपने बयानों से हमेशा विवादों में रहे. तिवारी को अपनी जान पर मंडरा रहे खतरे का अंदेशा था और वह सरकार से सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग भी कर रहे थे.
पैगंबर साहब पर विवादित टिप्पणी कर सुर्खियों में आए तिवारी हिंदू महासभा से जुड़े रहे और कुछ समय के लिए अयोध्या के राम मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट में पक्षकार भी रहे. पैगंबर साहब पर टिप्पणी के बाद सरकार ने उन पर रासुका लगाया गया था. तब तिवारी के खिलाफ लाखों मुसलमान सड़कों पर उतर आए थे और विरोध प्रदर्शन किया था.
कहा जाता है कि बिजनौर के उलेमा अनवारुल हक और मुफ्ती नईम कासमी ने तिवारी का सिर कलम करने का फतवा भी जारी किया था. तिवारी ने पैगंबर साहब पर की गई टिप्पणी के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का हाथ बताते हुए दावा किया था कि यह बयान मेरा नहीं, संघ का था. हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने रासुका हटा दी थी |